मैं आ रहा हूँ... मैं आ रहा हूँ...
कब से कुछ लिखने का सोच रहा हूँ चाह कर भी कुछ लिख नहीं पा रहा हूँ कब से कुछ लिखने का सोच रहा हूँ चाह कर भी कुछ लिख नहीं पा रहा हूँ
हिचकोले खा रही है जिंदगी फिर भी संतुलन बना रहा हूँ, वीरान ना लगे! ये सफर कहीं, कई त हिचकोले खा रही है जिंदगी फिर भी संतुलन बना रहा हूँ, वीरान ना लगे! ये सफर क...
अब खुद ही मैं टूटता जा रहा हूँ या जमाने से छूटता जा रहा हूँ अब खुद ही मैं टूटता जा रहा हूँ या जमाने से छूटता जा रहा हूँ
इब्तदा का दौर है मैं भी एक इब्तदा कर रहा हूँ, तेरे गुनाहों को मुआफ़ कर तुझे खुद से इब्तदा का दौर है मैं भी एक इब्तदा कर रहा हूँ, तेरे गुनाहों को मुआफ़ ...
मैं भारत ... आज विवश बेहाल बेरंग-सा अपनी खोखली जड़ों को समेटता भ्रष्टाचार, वासना अरा मैं भारत ... आज विवश बेहाल बेरंग-सा अपनी खोखली जड़ों को समेटता भ्रष्टाच...